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चंद्रपूर:- महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी एवं सरदार पटेल महाविद्यालय चंद्रपुर के हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस समारोह एवं कवि सम्मेलन संपन्न हुआ।
हिंदी हमारी राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है हमारे संविधान में हिंदी को जब से राजभाषा का दर्जा प्रदान किया तब से लेकर हम हिंदी दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाते चले आ रहे हैं, इस श्रृंखला की एक कड़ी का आयोजन सरदार पटेल महाविद्यालय चंद्रपुर में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी मुंबई के संयुक्त तत्त्ववधान में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के अशासकीय सदस्य प्रो.डॉ. बिजेंद्र बत्रा सर ने राष्ट्रभाषा और राज्यभाषा के महत्व पर अपने विचारों से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया।
हिंदी दिवस के अवसर पर गोंडवाना विद्यापीठ में अधिष्ठाता के पद पर नियुक्ति हेतु डॉ.जयेश चक्रवर्ती एवं डॉ. संजीव निंबाडकर जी का साल श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर संस्था के सहसचिव एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ.कीर्तिवर्धन दीक्षित सर के कर कमलो से उनका सत्कार किया गया।
महाविद्यालय में हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ. शैलेंद्र कुमार शुक्ल को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी ,मुंबई अशासकीय सदस्य के रूप में चयनित होने पर डॉ.कीर्तिवर्धन दीक्षित सर ,प्राचार्य डॉ.प्रमोद काटकर सर एवं उपस्थित अतिथियों के द्वारा शाल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत सत्कार किया गया।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. कीर्तिवर्धन दीक्षित सर ने हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा हिंदी देश की एकता की कड़ी है और हिंदी भाषा ने हीं आज सबको एक सूत्र में बांध करके रखा हुआ है ।जैसे अनेक पुष्प एक सूत्र में बंध कर हार बन जाते हैं, ठीक उसी प्रकार सभी भारतीय एकता के सूत्र में बंधे हुए है।
हिंदी दिवस के अवसर पर कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया, जिसमें महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के अशासकीय सदस्य एवं वरिष्ठ कवि डॉ. प्रमोद शुक्ल एवं श्री मनीष बाजपेई जी ने अपनी कविताओं के माध्यम से सभागार में उपस्थित सभी विद्यार्थी एवं प्राध्यापकों के मानस पटल पर एक राष्ट्रीय चेतना की छाप छोड़ी।
अपने प्रस्ताविक भाषण में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रमोद काटकर सर ने हिंदी दिवस की शुभकामनाओं के साथ कहा कि महाविद्यालय में हिंदी भाषा का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाय इस पर विचार करना चाहिए।
हिंदी के क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षकों को प्रतिवर्ष स्वर्गीय सुशीला देवी दीक्षित हिंदी सेवी पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है।इस वर्ष का पुरस्कार एफ.ई.गर्ल्स महाविद्यालय की हिंदी विभाग प्रमुख डॉ.कल्पना सतीश कावडे मैडम को प्रदान किया गया।हिंदी दिवस के अवसर पर महाविद्यालय में सुविचार प्रतियोगिता, काव्य लेखन एवं पठन प्रतियोगिता तथा निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को अतिथियों के कर कमलों से पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर कनिष्ठ महाविद्यालय के उपप्राचार्य श्री चंद्रकांत खरवार सर, वरिष्ठ महाविद्यालय के उपप्राचार्य डॉ. स्वप्निल माधमशेट्टीवार सर,कला विभाग प्रमुख डॉ प्रकाश शेंडे,हिंदी विभाग प्रमुख डॉ.सुनीता बनसोड अंशकालीन प्राध्यापिका कु.पूजा सिंह ,रीता पाठक, नैना थोरात,शैलजा ठमके , अमर विरुदकर, गुरुदास शेंडे, विना दानव, राजेश इंगोले,राहुल येलमुले, देशमुख और महाविद्यालय के सभी विभाग के विद्यार्थी एवं प्राध्यापक प्रमुखता से उपस्थित रहे और आयोजन को सफल बनाने में अथक प्रयास किया।इस कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग प्रमुख प्रोफेसर डॉक्टर सुनीता बनसोड़ मैडम ने किया ।आभार प्रदर्शन हिंदी विभाग के प्राध्यापक और महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी मुंबई के अशासकीय सदस्य डॉ. शैलेंद्र शुक्ल ने किया। इस कार्यक्रम के लिए अनुमति देने के लिए महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी मुंबई के सह निदेशक तथा सदस्य सचिव श्री सचिन निंबाडकर जी एवं अकादमी के सभी सदस्यों और पदाधिकारियों का आभार माना।
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